ज्योतिष शास्त्र में तांबे को सबसे पवित्र और शुद्ध धातु माना गया है। तांबे की अंगूठी धारण करने वाले को बेहतर स्वास्थ्य समते अनेक प्रकार के लाभ होते हैं। साथ ही मंगल व सूर्य ग्रह भी शांत रहते हैं क्योंकि तांबे को सूर्य का भी धातु माना गया है। विज्ञान भी यही कहता है कि तांबे का बर्तन सबसे शुद्ध होता है, क्योंकि उसको बनाने में किसी अन्य धातु का प्रयोग नहीं किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार तांबे के बर्तन में पानी से शरीर के रोग खत्म होते हैं। आइए जानते हैं तांबे के कड़ा और अंगूठी धारण करने के क्या फायदे होते हैं.
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हार्ट से संबंधित रोग होते हैं कम-ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, तांबे की अंगूठी धारण करने से खून का प्रवाह साफ और सही रहता है। इससे पहनने से हार्ट से संबंधित रोग कम होने की आशंका होती है। इसके अलावा मनुष्य का मन भी शांत रहता है।
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घर में आती है सुख-शांति-वास्तु शास्त्र के अनुसार, तांबे के बर्तन घर में होने से सुख-शांति बनी रहती है, इसकी शुद्धता से सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। अगर घर का मुख्य द्वार गलत दिशा में बना है तो तांबे के सिक्के लटका दें, इससे वास्तु दोष समाप्त हो जाता है।
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होता है मन शांत-तांबे की अंगूठी पहनने से मन शांत रहता है इसलिए जिसको ज्यादा गुस्सा आता है, वह अगर अंगूठी पहनें तो गुस्सा भी कंट्रोल में आ जाता है। ज्योतिष के अनुसार, यह शांत प्रकृति का है और गर्मी दूर करता है।
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बढ़ता है मान-सम्मान-समाज में मान-प्रतिष्ठा प्राप्त करने के लिए तांबे की अंगूठी धारण करनी चाहिए। तांबे का संबंध सूर्य से माना जाता है और सूर्य यश और सम्मान का प्रतीक है। साथ ही अगर कुंडली में सूर्य दोष है तो मध्यमा उंगली में अंगूठी धारण करें।
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प्रतिरक्षा तंत्र को भी करता है मजबूत-तांबे के गहने शरीर में आवश्यक अवयवों को बनाए रखने के साथ-साथ प्रतिरक्षा तंत्र को भी मजबूत करते हैं। पेट की बीमारियों, डायरिया और पीलिया में यह विशेष लाभकारी होता है।